kru su pra krishnakumarpradhan@gmail.com bhashabharatikavitaye: गणपति प्रार्थना

सोमवार, 9 जनवरी 2017

गणपति प्रार्थना

गजानना,सिंदुरवदना,नम्र तुजपुढे विश्वनायका                                                                   

 वाहतो काव्यांजलि हि चरणि ठेवु मस्तका 
प्रात:कालि घंटिकानाद मंजुळ ऐसा येता तव कानि
उघडुनि सुंदर नयनद्वय तव,फिरवि द्र्ष्टि मजवरुनि
भव्य सुदर मुर्ति तुझि,मुख तेज:पुंज,भालि चंद्रमा
एका हाति कमलपाश,एक हस्त देइ आशिर्वचना
बुध्दिचा देव तु गणेशा,सहचरि तुझि शारदा,
तुझ्या स्तवना शब्द सुचेना,पुरवि तुं मेधा
हिमनगावरि जन्म तुझा परि,अनलास गिळले त्वां
दाह बहुत जाहला,शितल होण्या तुज हव्या दुर्वा,
सत्वपुर्ण आहार तुझा,निवेदास तुज मोदक हवा.
गणपति तुं,जेथे जाशि,तेथे जमतो भक्तांचा मळा,
मंदिर जिथे जिथे बांधवे,पिकतो तेथे भक्तिचा मळा

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